खाली यूं ही न...बबाल कर
खुद से भी कभी... सवाल कर
अपना दुश्मन ...खुद ही न बन
बात कर ज़रा... जुबां सम्भाल कर
बात कर ज़रा... जुबां सम्भाल कर
तू!!...दलों के दलदल मे न फ़ंस
कुछ अक्ल का... इस्तेमाल कर
कुछ अक्ल का... इस्तेमाल कर
कर गुजर ही मिली है... शोहरत यहां
क्या हांसिल होगा?...कमी निकाल कर
क्या हांसिल होगा?...कमी निकाल कर
संभलकर खर्चकर...नहीं सस्ती है आज़ादी
मिली है जो बहुत ...लाशों को खंगाल कर
मिली है जो बहुत ...लाशों को खंगाल कर
अगर मुम्किन नहिं है…नफ़रतों के तीर सहना
कर शमशीर हाथों को…और सीना ढाल कर
कर शमशीर हाथों को…और सीना ढाल कर
तेरा ही तो है…चैन-ओ-अमन रहने दे यहां
वतन की बात कर…गावों को खुश्हाल कर
वतन की बात कर…गावों को खुश्हाल कर
शहीद होके भी वो शेर…हर दिलों मे जिन्दा हैं
बेरंग न रहने दे…लहू का रंग लाल कर
बेरंग न रहने दे…लहू का रंग लाल कर
मुझसे मत पूछ क्या है…वतन-परस्ती “भास्कर”
में फ़िरता हूं तिरंगे का कफ़न…सीने पे डालकर
में फ़िरता हूं तिरंगे का कफ़न…सीने पे डालकर
जे एन यू प्रकरण को एक महीना हो गया है.... हालांकि गलत लोगों को चर्चा का विषय नहीं बनाना चाहिए लेकिन आजकल ये मुद्दा गर्माया हुआ है तो लिखने को विवश हुआ और ये सुनके दुःखी भी हूँ की कुछ लोगों को ब्राह्मणवाद, ठाकुरवाद और न जाने कौन- कौन से वादो से आजादी चाहिए और ये उनके लिए चाहिए जो वतन को तोड़ने की बात करते है और जिनकी देश के प्रति निष्ठा पर ही प्रश्नचिन्ह है !! ...copyright TimilaTimes.com
Khali Yoon ho na babal kar
ReplyDeleteKhud se bhi kuch sawal kar
Awesome lines