Monday, March 14, 2016

‪#‎माल्दाहिंसा‬

‪#‎माल्दाहिंसा‬ की कड़े शब्दों में भर्त्सना की जानी चाहिए!!
क्या इस देश का सेकुलरिज्म यही है?? कहाँ गए सेकुलर, वामपंथी और सो-कॉल्ड राइटर और ऐक्टर जिनको देश में असहिष्णुता नजर आ रही थी यहाँ तक की देश छोड़ने को तैयार थे, न अब कोई हंगामा खड़ा कर रहा है न कोई पुरूस्कार लौट रहा है न ही कोई मीडिया चैनल इस की खबर दिखा रहा है!
क्या इस देश में किसी खास तबके पर ही जुर्म जुर्म है??

थू है ऐसी सोच पर, ऐसे राजनीतिक परिवेश पर जहाँ लोकतंत्र आतंकवादियों, या उनके संरक्षकों या उनको बढ़ावा देने वाले कुछ स्वानपुत्रो, बैषाखनन्दनो की बपौती है!!…...टीटी

No comments:

Post a Comment

विज्ञापन

दिल्ली हाईकोर्ट ने विज्ञापन मे चेहरा नहीँ दिखाने के लिये कहा तो केजरीवाल आजकल पिछवाडा दिखा रहे है!! अब सीधे विज्ञापन पे आता हूँ: नमस्कार...