Tuesday, January 4, 2011

"गाँव"

रस्सीनुमा 
घुमावदार रास्ते
माना पथिक के
हमेशा साथ रहने का
वादा ले रहे हों

उसमें 
उलझे हुवे वृक्ष
जो बँधे होने का सा
एहसास देते हैं

दूर तक फैले
सीढ़ीदार खेत
जैसे हिमालय पर
चढ़ने का साहस
दिखा रहे हों

ऊँचाई से दिखते 
डब्बेनुमा घर
जैसे बच्चो ने
खेल-खेल में
बिखरा दिए हों

जो ऊपर वाले को
तो बहुत छोटे
नज़र आते हैं

और नीचे वालों को
ऊपर वाला 
बिंदु मात्र 

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