गयी बीत 'विभावरी'...
देखो 'भास्कर' द्वारे आया...
उठ जाओ 'स्नेही मित्रो'...
नव वर्ष 'खुशियाँ' लाया...
'विभावरी' = रात , 'भास्कर' = सूर्य, सूरज
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