Friday, December 17, 2010

उदघोष

मौन...
अकेला...
अविरल...
अनंत पथ पर...

विकल शून्य में...
भटकता...
खोजता ज्योति तम में...
करता अभिसार नभ पर...

असंख्य नक्षत्र...
अभिमुख...
करते अभिनन्दन...
रंगीले स्वप्न का संसार लेकर...

लेकर गर्व मैं...
अपनी विभा का...
मनुज हूँ...
ढो रहा व्यथा का भार लेकर...

कली की पंखडी पर...
ओस की बूँदे नहीं मैं...
दबा तूफ़ान हूँ...
प्रलय का क्षुब्ध पारावार लेकर...

नि: शब्द...
खद्योत सा...
व्योम पटल पर...
धर्म की हूंकार लेकर...

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