चर्चे उसके जमाने में कुछ आम हो गए,
उसके शहर में आशिक तमाम हो गए |
बच ना सका कोई लबों से छू के उसे ,
अब तो मयखाने भी सब आलिशान हो गए |
गरज क्या उसे कोई यार जिए और मरे ,
शहर तो उसके लिए सारे शमशान हो गए |
नहीं था साकी को ही अपनी आदतों पे सबर ,
ज़माने भर में देखो मुफ्त में बदनाम हो गए |
तुम्ही को हमसे क्यों है इतनी बेरुखी "भास्कर" ,
शहर में तुम्ही हो जो हमसे अनजान हो गए |
Wednesday, November 24, 2010
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