Thursday, December 9, 2010

कौवमव

१.
जून जसी ब्वारी मिलली कौ ईज़ल
बेई ब्याव देखि पेट च्याप बे मैंल जून   


रात भर ग्यों रवोट जसी देखि मकैं |
२. 
भिनेर जस लागौ आंगम म्यार
को चुलम  बै आछा तुम 


लकड़-पताडकि  कुड़ी म्यरी, घर आला के हौल |


३.
बाड़-खवाड त्यार,  य गौं- गाड त्यार
य कुड़ी तेरी कुड़ी नानतिन बुडबाड़ी  त्यार


द्य्पतो ! कधिने अपण कुड़ लै चै जाओ |


४.
कौतिक मैं हराई लै मिलीं छै 
झ्वाड खेलणम, हाथम हाथ धरी 


यस सबेरी लै अलोप होंछ क्वे |


५.
त्यार खातिर गौं पधान लै है ज़ोंल
के मिलल ऊ बऊ, सीमेंट खैबेर


लधोड़ चिरी जालो ल्वे ऐजाल |    


६.
म्यार दगड़ रोंछी  रात्ती ब्याव 
अज्याल चाहें ले नि आन बाखई फन


चिरी खलेती हैई , डबल लै हरे जानी |


७.
फुटी कपाव पार निशाण छै नानछिनक
ढूंग डांसील खेल्छी दिनभर  


कत्तु कय म्हें नटूवां दगै  नि रौ |


८.
अब डीट लै निलागनी मेरी कै पार 
अंखाक द्वार ले टूटी छै  म्यार  


गास - गास जास मिली मैंस मकैं | 


९.
ऊ जो म्यर सांकै छी कल्ज़ काखक  
साक पै दांत बुड़े गो बेई 


लोग नादी ज़स ड़ोंर्यानी उके खेतू मैं |

1 comment:

विज्ञापन

दिल्ली हाईकोर्ट ने विज्ञापन मे चेहरा नहीँ दिखाने के लिये कहा तो केजरीवाल आजकल पिछवाडा दिखा रहे है!! अब सीधे विज्ञापन पे आता हूँ: नमस्कार...