Tuesday, December 8, 2015

करवा चौथ (ए स्टोरी ऑफ़ इनोसेन्ट हसबैंड)

सुनो!!
अब 12 बजने वाले है अपना नाटक बंद कर दो और हाँ वो मेरे जूते तुमने जो आज जबरदस्ती उतारे थे कहाँ रख दिए है? सुबे ढूंढने में परेशनि होगी तुम्हारी तो सुबह ही 9 बजे होती है तब तक में ऑफिस पहुच चूका होऊंगा।
और कितना गन्दा कर दिया है सारा किचन तुमने? यूँ भी तुम्हे कहाँ रोज रोज खाना बनाने की आदत है, सारा सामान ही अस्तव्यस्त कर दिया है।
अरे...... सो गयी क्या अब ये तो बता दो कल नास्ते में क्या बना के जाँउ...सुक्र है आजकल बच्चों की छुट्टियां है वर्ना मेरी जान को एक ये कलेश भी था।
...टू बी कॉन्टिन्यूड

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