कुछ धुँआ सा उठा है कहीं
नम हवाओं में मेरी गंध है
ढुलकते अश्कों ने,
बुझती सांसों से कहा
खूँ से लिखे ख़त
जला रहा है कोई... ~भास्कर~
नम हवाओं में मेरी गंध है
ढुलकते अश्कों ने,
बुझती सांसों से कहा
खूँ से लिखे ख़त
जला रहा है कोई... ~भास्कर~
दिल्ली हाईकोर्ट ने विज्ञापन मे चेहरा नहीँ दिखाने के लिये कहा तो केजरीवाल आजकल पिछवाडा दिखा रहे है!! अब सीधे विज्ञापन पे आता हूँ: नमस्कार...
No comments:
Post a Comment