Tuesday, December 8, 2015

‪#‎भलमैंस‬

कुछ यौस कै बे मैंल आपण दौंकार मुक्ये ली,
कैकी गाई मंगे ली, कैकणी गाई हुस्ये दी!!
म्यार घात पिचास आई ले गौं में कम नि छै,
कतुक मौ उजाड़ दी, मैंल कतुक मौ बुस्ये दी!!
बख़्ताक कपाव पार कील म्यारे नान गाडिल कैबे,
"दिल्लि" कतुक ब्वाज पूजे दी, कतुक रूपें घुस्ये दी!!
चणी रा! बखत रोज्जे एक जस नि रौन "भास्कर"
छर फोकी बे घर भै रौ उ जो बेइ तक गुसैं छी!!
मुक्ये = उढ़ेलना (यहाँ उगलने से है)
हुस्ये= गलत शब्दों का प्रयोग करके बोलना
बुस्ये= जड़ से समाप्त कर देना
for more word meaning you can write to me at bhaskarsag@gmail.com
If anyone want to give their suggestions can also write with their name and mobile no downunder...

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